नफरत की राजनीति को जनता ने धुतकारा विकास के नाम पर केजरीवाल ने तीसरी बार बाजीमारा

पड़ोसी ने कहा, निशानेबाज, जब अमिताभ बच्चन युवा थे तो एंग्री यंगमैन कहलाते थे। इसका मतलब था भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ गुस्सैल युवा। इसी तरह धर्मेंद्र को ही-मैन कहा जाता था। फिर हमने स्पाइडरमैन, आयरनमैन की हॉलीवुड फिल्मेंदखनी शुरू की। म्यूजिक डायरेक्टर बप्पी लाहिरीइतना सोने के आभूषण पहनते हैं कि उन्हें गोल्डमैन कहने को जी चाहता है। हमने कहा, इन सभी को भूल जाइए। अभी जमाना मफलरमैन केजरीवाल का है। उनके झाडू ने प्रतिद्वंद्वियों को झाड़कर रख दिया। जंगल में वनराज केसरी और दिल्ली में केजरी की अलग ही शान है। पड़ोसी ने कहा, निशानेबाज मफलर का मेस्मरिज्म दिल्ली की जनता पर ऐसा चला कि मोदी मैजिक भी उसके सामने फल हो गया। ५० से भी ज्यादा रैलियां करनेवाले अमित शाह के मुंह से आह निकल गई। क्योंकि भाजपा की चाह पूरी नही हो पाई। कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया लेकिन केजरीवाल की प्रचंड जीत से यह पार्टी इस तरह खुश है कि कहना को दिल करता है-बेगानी शादी में अब्दुल्लाह दीवाना, ऐसे मनमौजी को मुश्किल है समझाना। भाजपा की हार से कांग्रेस बाग-बाग हो उठी है। हमने कहा, केजरीवाला के झाडू ने एक बार फिर चुनाव में क्लीव स्वीप कर दिया है। उनकी कनपटी पर मफलर बंधा रहने से उन्हें विपक्ष की तीखी आलोचना सुनाई नहीं देती। राजनीति की शतरंज पर केजरीवाल की चाल ने भाजपा को करारी मात दी। उन्हें बिजली, पानी, शिक्षा, ट्रांस्पोर्ट के मुद्दे पर भाजपा घेर नहीं पाई। केजरी ने अपने काम पर वोट मांगा और दिल्लीवालों ने दिलदार बनकर उन्हें जिताया। २०० यूनिट तक बिजली बिल माफ, पानी के पुराने बिल साफ, जैसे फैसले उन्होंने लिए। जिससे जनता निहाल हो गई। इसलिए किसी विकल्प का सवाल ही नहीं उठता था। पडोसी ने कहा. निशानेबाज. मानना होगा कि मफलरमैन ने अपने शानदार रोडमैप से भाजपा की नींद और चैन चुरा लिया।